भारत पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं करता?
जब भी भारत में आतंकी हमला होता है — चाहे वो पठानकोट, उरी, या पुलवामा जैसा कोई भी दर्दनाक हमला हो — देश की जनता का गुस्सा एक ही सवाल में बदल जाता है: “भारत पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं करता?” इस सवाल के पीछे गुस्सा जायज़ है, लेकिन जवाब बहुत गहराई वाला और रणनीतिक है। आइए इसे समझते हैं:
1.
परमाणु हथियार दोनों के पास हैं
भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। अगर सीधा युद्ध होता है, तो बात सीमा पार गोलाबारी से बढ़कर परमाणु युद्ध तक जा सकती है — जिसका नुकसान दोनों देशों को होगा, और पूरी दुनिया को भी।
“आग से आग बुझती नहीं, सिर्फ राख बचत
2.
कूटनीतिक छवि और वैश्विक दबाव
भारत खुद को एक जिम्मेदार लोकतंत्र और शांति प्रिय देश के रूप में प्रस्तुत करता है।
अगर भारत पहल करके हमला करता है, तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को नुकसान होगा और कई देश प्रतिबंध भी लगा सकते हैं।
3.
आर्थिक स्थिरता का खतरा
युद्ध का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार, और विदेशी निवेश पर पड़ता है। भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है, और युद्ध उसकी प्रगति को पीछे खींच सकता है।
4.
आतंक और सरकार में फर्क
भारत यह मानता है कि पाकिस्तान में बैठा आतंकवाद का नेटवर्क (जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा) और सरकारी तंत्र दो अलग चीज़ें हैं।
इसलिए भारत सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने की नीति अपनाता है — जैसे सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019)।
5.
शांति ही स्थायी समाधान है
अगर भारत युद्ध करता है और जीत भी जाता है, तो भी समस्या जड़ से खत्म नहीं होगी — क्योंकि आतंकवाद एक विचारधारा है, जिसे केवल सैन्य बल से नहीं मिटाया जा सकता।
बम से बदमिल सकता है, पर शांति नहीं।
निष्कर्ष (Conclusion):
भारत पाकिस्तान पर हमला इसलिए नहीं करता क्योंकि:
- युद्ध कोई स्थायी समाधान नहीं है,
- इससे लाखों निर्दोष जानें जाएँगी,
- और भारत अपनी वैश्विक छवि और आर्थिक विकास से समझौता नहीं कर सकता।
भारत एक सजग, शक्तिशाली लेकिन संयमी राष्ट्र है — जो चोट का जवाब देता है, लेकिन बिना युद्ध के। क्योंकि असली जीत जंग जीतना नहीं, जंग को टालना है।


Nice
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